टिकटॉक की बदौलत सुधरे बाइटडांस के दिन, चाइनीज कंपनी ने पहली छमाही में 50 हजार करोड़ रु. का रेवेन्यू हासिल किया
नई दिल्ली. वीडियो स्ट्रीमिंग एप टिक टॉक भारत सहित दुनियाभर में बेहद तेजी से लोकप्रिय हुआ है। यह लोकप्रियता अब टिक टॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस के बुरे दिन भी दूर कर रही है। बाइटडांस ने 2019 की पहली छमाही में 700 से 840 करोड़ डॉलर (50 से 60 हजार करोड़ रुपए या 5 से 6 हजार करोड़ युआन) का रेवेन्यू हासिल किया है। रॉयटर्स के मुताबिक यह कंपनी के लिए उम्मीद से बेहतर आंकड़े हैं। रेवेन्यू बढ़ने के साथ-साथ बाइटडांस ने जून में मुनाफा भी हासिल किया।
कंपनी के एक अधिकारी ने नाम सार्वजनिक न करने की शर्त पर बताया कि बाइटडांस को उम्मीद है कि दूसरी छमाही में मुनाफा होगा। कंपनी ने पहले पूरे साल के लिए 10 हजार करोड़ युआन का लक्ष्य तय कर रखा था। लेकिन, पहली छमाही के उत्साही नतीजों के बाद अब इस लक्ष्य को बढ़ाकर 12 हजार करोड़ युआन कर दिया गया है। ऑनलाइन टेक न्यूज आउटलेट द इन्फॉर्मेशन के मुताबिक 2018 में पूरे साल में बाइटडांस को 720 (करीब 51 हजार करोड़ रुपए) करोड़ डॉलर का रेवेन्यू हासिल किया था। इस तरह कंपनी ने इस साल के पहले छह महीने में ही पिछले पूरे साले के रेवेन्यू आंकड़े की बराबरी हासिल कर ली है।
बाइटडांस ने इस पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। बाइटडांस साल साल पुराना स्टार्टअप है। सूत्रों के मुताबिक पिछले साल इसकी वैल्यू 7800 करोड़ डॉलर (करीब 5.5 लाख करोड़ रुपए) थी। कंपनी के पास जिनिरी टॉटिनो (आज की हेडलाइन) और टिक टॉक का चाइनीज वर्जन डोउयिन भी है।
बाइटडांस के पास दुनियाभर में 50 हजार से ज्यादा कर्मचारी
बाइटडांस को कई अन्य चाइनीज टेक कंपनियों को मजबूत चुनौती माना जा रहा है। इनमें सोशल मीडिया और गेमिंग जायंट टेनसेंट होल्डिंग्स, सर्च इंजन कंपनी बायडू भी शामिल हैं। बाइटडांस के सभी एप मिलाकर दुनियाभर में इसके 150 करोड़ मासिक एक्टिव यूजर्स हैं। वहीं, रोजाना एक्टिव यूजर्स की संख्या 70 करोड़ है। पिछले साल बाइटडांस ने एक सर्च इंजन भी लॉन्च किया है। इसने साथ ही चीनी भाषा की विकीपिडिया मानी जाने वाली वेबसाइट बाइकी.कॉम का अधिग्रहण भी किया है। कंपनी अब पेड म्यूजिक एप लाने की योजना पर भी काम कर रही है। इस आक्रामक रणनीति के तहत बाइटडांस के स्टाफ की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। अभी कंपनी के कुल 50 हजार कर्मचारी हैं। पिछले साल यह संख्या 40 हजार ही थी।
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