बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है सूरसम्हारम, 3 नवंबर को मनाया जाएगा
जीवन मंत्र डेस्क.दक्षिण भारत में कार्तिक महीने की प्रतिपदा तिथि से षष्ठी तिथि (छठ) तक 6 दिवसीय उपवास किए जाते हैं। छठे दिन उपवास के समापन पर सूरसम्हारम पर्व मनाया जाता है। ये पर्व कार्तिकेय स्वामी यानी दक्षिण भारत में भगवान मुरुगन को समर्पित होता है। इस बार ये पर्व 3 नवंबर को पड़ रहा है। वहीं उत्तर भारत और अन्य राज्यों में इस षष्ठी तिथि कोस्कन्द षष्ठी व्रत किया जाता है।कार्तिक महीना भगवान कार्तिकेय के नाम पर है इसलिए इस महीने की षष्ठी तिथि और ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है।
- स्कन्द षष्ठी
सूरसम्हारम पर्व को स्कन्द षष्ठी भी कहा जाता है। जो कि भगवान मुरुगन को समर्पित अत्यन्त महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे कन्द षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। स्कन्द षष्ठी पर्व तमिल हिन्दुओं द्वारा भी मनाया जाता है। स्कन्द षष्ठी का दिन चन्द्र माह के आधार पर तय किया जाता है तथा यह पर्व कार्तिक मास के छठे दिन आता है। स्कंद षष्ठी का व्रत और भगवान स्कंद की पूजा 3 नवंबर को की जाएगी।
सूरसम्हारम पर्व
- कार्तिक माह के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि से छठ तक 6 दिवसीय इस उत्सव का अन्तिम व सर्वाधिक महत्वपूर्ण दिवस सूरसम्हारम है। यह माना जाता है कि भगवान मुरुगन ने सूरसम्हारम के दिन दानव सुरपद्मन को युद्ध में पराजित किया था। इसलिये संसार को बुराई पर अच्छाई की विजय का सन्देश देने के लिये प्रतिवर्ष सूरसम्हारम का त्यौहार मनाया जाता है। जिस दिन पञ्चमी और षष्ठी तिथि एकसाथ आती है यानीजब पञ्चमी तिथि के दिन सूर्यास्त से पहले षष्ठी तिथि शुरू हो जाती है। उसी दिन सूरसम्हारम व्रत किया जाता है। इसलिये अधिकांश मन्दिर पञ्चमी तिथि को कन्द षष्ठी मनाते हैं।
- कार्तिक मास की प्रतिपदा यानी प्रथमा तिथि से शुरू होने वाले छह दिवसीय समारोह का समापन सूरसम्हारम दिवस पर होता है। सूरसम्हारम के अगले दिन थिरुकल्याणम मनाया जाता है। 6 दिवसीय समारोह में हर दिन उपवास किया जाता है। उपवास का पालन करने वालों को दिन में एक से अधिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- सूरसम्हारम पर्व तमिलनाडु में मुख्य रूप से मनाया जाता है। इस राज्य में भगवान मुरुगन के मंदिरों में इस त्योहार पर भगवान कार्तिकेय की पूजा में विशेष अभिषेक और श्रृंगार किया जाता है। इस त्योहार पर तिरुचेंदुर केलोकप्रिय मुरुगन मंदिर में विशेष रुप से ये उत्सव मनाया जाता है और महत्वपूर्ण आयोजन भी किए जाते हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/36my015
Comments
Post a Comment