भारतीय टीम ने पहले टेस्ट की हार से सीख नहीं ली, दूसरी बार टॉस हारना भी बड़ा फैक्टर
खेल डेस्क. दूसरे टेस्ट के पहले दिन भारतीय टीम खराब स्थिति में पहुंच गई है। पहला टेस्ट बुरी तरह से हारने के बाद यह मैच महत्वपूर्ण था। न्यूजीलैंड की टीम ने कोहली की टीम इंडिया को बता दिया है कि घास वाली पिच पर कैसे बल्लेबाजी और गेंदबाजी की जाती है। यह सही है कि न्यूजीलैंड की टीम घरेलू मैदान पर हमेशा अच्छा प्रदर्शन करती है। अधिकतर विदेशी टीमों को यहां परेशानी होती है। कोहली का दूसरी बार टॉस हारना भी एक बड़ा फैक्टर है। लेकिन इस तरह की चीजें हमें सीरीज शुरू होने के पहले से पता होती हैं।
किसी परिस्थिति से कैसे निकलना है। यह टीम की मानसिकता से पता चलता है। पहले दिन का खेल देखा जाए तो वेलिंगटन मेंमिली 10 विकेट की हार से हम आगे नहीं बढ़ सके हैं। इस सीरीज में बहुत कुछ दांव पर है। लेकिन हम व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। तेज पिचों पर हमेशा बल्लेबाजी करना कठिन होता है। इस कारण अतिरिक्त बल्लेबाज को जगह दी गई। लेकिन यह काम नहीं आया।
कोहली अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके
कप्तान कोहली भी अब तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके हैं। वे पूरे दौरे पर अब तक सिर्फ एक अर्धशतक लगा सके हैं। कठिन परिस्थितियों में स्किल के अलावा स्वभाव भी काफी मायने रखता है। लेकिन कोई खिलाड़ी ऐसा नहीं कर सका। शनिवार को टॉप ऑर्डर के तीन खिलाड़ियों के अर्धशतक लगाने के बाद भी हम सिर्फ 242 रन बना सके। मैच जीतने के लिए आपको एग्रेसिव होना होता है। लेकिन आपको परिस्थितियों को भी समझना चाहिए। शॉ, पुजारा और विहारी तीनों अर्धशतक लगाने के बाद खराब शॉट खेलकर आउट हुए। दो खिलाड़ी भी अगर टिक जाते तो हम 350 के स्कोर तक पहुंच सकते थे, जो इस पिच पर अच्छा स्कोर रहता।
इसके बाद भी न्यूजीलैंड की शानदार गेंदबाजी को नकारा नहीं जा सकता।
जैमिसन काफी घातक साबित हुए
खासकर युवा तेज गेंदबाज काइल जेमिसन का प्रदर्शन अच्छा रहा। वे बहुत तेज नहीं है,लेकिन लंबाई के कारण उन्हें अतिरिक्त उछाल मिलता है। साउदी और बोल्ट ने स्विंग को नियंत्रित करते हुए अच्छी गेंदबाजी की। दूसरी ओर वेगनर और जेमिसन ने शॉर्ट पिच गेंद से परेशान किया। ये गेंदबाज अलग-अलग बल्लेबाजों के हिसाब से गेंदबाजी कर रहे थे। दूसरी ओर भारतीय गेंदबाजों ने भी 23 ओवर फेंके। शॉर्ट पिच गेंदों से उन्हें परेशान करने की कोशिश की गई। लेकिन यह सफल नहीं रही। क्योंकि लाथम और ब्लंडेल ने भारतीय बल्लेबाजों की तरह जल्दी नहीं दिखाई। बुमराह, शमी और उमेश ने छोटी गेंद भी डालीं। हालांकि एक दिन के खेल को देखकर भविष्यवाणी करना खतरनाक है। इतिहास में पहले भी कई बड़े फाइटबैक देखे गए हैं। लेकिन दौरे पर अब तक भारतीय टीम ने नंबर-1 टीम की तरह प्रदर्शन नहीं किया है। टीम को वापसी के लिए असाधारण प्रदर्शन करना होगा।
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