आरडब्ल्यूए संगठनों ने की सेक्शन लोड पर फिक्स चार्ज समाप्त करने की मांग

सेव अवर सिटी कैंपेन के आरडब्ल्यूए संगठनों ने बिजली मीटर पर सेक्शन लोड और फिक्स चार्ज को ऑर्गनाइज लूट करार दिया है। सोमवार को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) को लिखे पत्र में सेक्शन लोड पर फिक्स चार्ज न लेकर मैक्सिमम डिमांड इंडिकेटर (एमडीआई) पर फिक्स चार्ज लेने की मांग की गई है। बता दें एमडीआई बिजली का उपभोक्ता के एक माह एक समय में उपयोग अधिकतम लोड होता है। इसकी जानकारी देते हुए सेव अवर सिटी के कन्वीनर राजीव काकरिया ने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने लागू लॉकडाउन में बिजली की खपत नहीं करने के बावजूद उपभोक्ताओं को दो से ढाई हजार रुपए का बिल भेजा जा रहा है।

इससे उनको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। सेक्शन लोड और फिक्स चार्ज बिजली कंपनियां मनमानी राशि वसूल रही है। इसको वापस लेने के लिए हम वर्ष 2008 से मांग कर रहे है। जब उपभोक्ता मीटर लगाते समय मीटर, केबल और प्रति किलोवॉट के अनुसार सिक्योरिटी राशि जमा कराता है तो फिर उससे फिक्स चार्ज के नाम पर पैसा क्यों वसूल किया जा रहा है। इससे सीधे सीधे बिजली कंपनियों को फायदा हो रहा है। एक उपभोक्ता 10 से 11 किलो वॉट के बिजली का मीटर लगाता है, लेकिन वह अधिकतम 3 से 6 किलोवॉट का उपयोग करता है। जबकि फिक्स चार्ज पूरे 10 किलो वॉट के अनुसार लिया जा रहा है। उन्होंने एक अन्य मुद्दा उठाते हुए कहा कि अभी बिजली कंपनियां बिना रीडिंग के अनुमान के अनुसार बिल भेज रही है। इससे उपभोक्ताओं को नुकसान हो रहा है।



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