जो इतिहास को भूल जाते हैं वह इतिहास में हुई भूल को और दोहराते हैं: राम माधव
आपातकाल के काले अध्याय का वर्णन करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा कि जो इतिहास को भूल जाते हैं वह इतिहास में हुई भूल को और दोहराते हैं इसीलिए आपातकाल की यादों की चर्चा करते रहना जरूरी है। ताकि देश के लोकतांत्रिक ढांचे और मूल्यों को और मजबूत बनाने के लिए इससे सबक लिया जा सके। माधव ने कहा कि आपात काल में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस सरकार के विरोध में सरदार का वेश बनाकर गुजरात में अंडरग्राउंड मूवमेंट चलाया था। राज्यसभा सांसद होने के बाद डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए श्रीलंका के रास्ते अमेरिका चले गए थे। जहां से स्वामी वह इंदिरा गांधी का पोल खोलने का काम कर रहे थे और भारत आने के बाद भेष बदल कर रहे।
आजकल बहुत सारे ऐसे बुद्धिजीवी नेता जो कह रहे हैं कि देश में मिनी आपातकाल जैसी स्थिति है, जो वर्तमान समय में ऐसी टिप्पणियों कर रहे हैं उनमें से आधे लोग खुद व उनके पूर्वज आपातकाल के लिए जिम्मेदार थे। यह बात माधव ने मंगलवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में वर्चुअल युवा जन संवाद रैली को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा। माधव ने कहा कि यही लोग देशवासियों को भ्रमित करने के लिए आपातकाल की गलत परिभाषा की व्याख्या करते हैं इसलिए यह जरूरी है कि हम उन्हें भी बताएं कि आपातकाल क्या था। लोकतंत्र के इतिहास में आपातकाल एक काला अध्याय है। स्वतंत्रता के लिए हमारे सेनानियों ने लंबी लड़ाई लड़ी उसी स्वतंत्रता को इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर क्षण भर में खत्म कर दिया था। माधव ने बताया कि 25 जून के आधी रात को ही बिना मंत्रिमंडल से चर्चा किए इंदिरा गांधी ने अनुच्छेद 352 का इस्तेमाल करते हुए आपातकाल की घोषणा पत्र पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर लिए थे।
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