सबूत बताते हैं कि दंगों में एफबी का हाथ था
दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति के चेयरमैन राघव चड्ढा की अध्यक्षता में सोमवार को समिति की बैठक हुई। इस बैठक में तीन गवाहों ने उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराया। समिति के चेयरमैन राघव चड्ढा ने कहा कि कार्रवाई के दौरान प्रथम दृष्टया पाया गया है कि दिल्ली दंगों में फेसबुक का हाथ था।
फेसबुक पर जिस प्रकार के मटेरियल का प्रचार किया गया, कोशिश यह थी कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दंगा हो जाए, लेकिन सफल नहीं हुए और उसकी वजह से ही चुनाव के बाद दंगा हुआ। फेसबुक को दिल्ली दंगों की जांच में सह-अभियुक्त की तरह मानना चाहिए और उसकी जांच होनी चाहिए।
स्वतंत्र जांच एजेंसी की निष्पक्ष जांच के बाद फेसबुक के खिलाफ कोर्ट में एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट फाइल की जानी चाहिए। चड्ढा ने कहा कि अपना बचाव करने और अपना पक्ष रखने के लिए फेसबुक इंडिया के अधिकारियों को कमेटी अपनी अगली बैठक में पेश होने के समन जारी करेगी। समिति की बैठक में सोमवार को तीन गवाह पेश हुए थे।
इसमें, आवेश तिवारी,कुणाल पुरोहित और सुभाष गड़के शामिल है। इन्होंने फेसबुक का क्या अन्य देशों में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने में भूमिका रही है, उस पर खूब रिसर्च किया है और उनकी पॉलिसी इस कम्युनिटी स्टैंडर्ड से भलीभांति परिचित है।
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