आ गई देश की उम्मीदों की तारीख, 16 जनवरी से लगेंगे कोरोना के टीके
देश में 16 जनवरी से कोरोना का वैक्सीनेशन अभियान शुरू होगा। पहले फेज में 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स और 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को मुफ्त वैक्सीन दी जाएगी। फिर 50 वर्ष से अधिक उम्र के 26 करोड़ और 50 साल से कम उम्र के एक करोड़ ऐसे लोग जो जानलेवा बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें वैक्सीन लगेगी।
अगले 1-2 दिन में वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बॉयोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट के साथ समझौता हो जाएगा। अभी सरकार ने स्पष्ट नहीं किया है कि ये दो कंपनियां किस दर पर सरकार को वैक्सीन देगी। सीरम ने कीमत 200 रु. प्रति डोज रखी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 12 जनवरी तक राज्यों के कोल्डचेन सेंटर तक वैक्सीन पहुंचा दी जाएगी। ताकि राज्य सरकारों द्वारा अलग-अलग जिलों और वैक्सीनेशन सेंटर तक अगले दो से तीन दिनों तक वैक्सीन पहुंचा दी जाए। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘भारत एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया कोरोनावायरस वैक्सीन के साथ मानवता की रक्षा के लिए तैयार है।’
1. हमें वैक्सीन लगवाने के लिए क्या करना होगा?
कोविन (CO WIN) एप पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। सरकार ने अभी इस एप को जारी नहीं किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने को-विन वैक्सीन डिलीवरी मैनेजमेंट सिस्टम की समीक्षा की है। रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन के वक्त सरकारी फोटो आईडी पेश करना जरूरी होगा। हालांकि एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स और दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स का डेटा केंद्र और राज्य सरकारों के पास है। सरकार ने कोविन प्लेटफॉर्म में 79 लाख ऐसे लोगों का डेटा भर चुकी है। इसलिए इन तीन करोड़ लोगों को पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
2. मुझे वैक्सीन कब लगेगी?
अभी 50 वर्ष से ऊपर की दो श्रेणी है। एक जिनकी उम्र 60 वर्ष या इससे अधिक होगी, वैक्सीन लगाने में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद 50 से 60 वर्ष वाले उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। एक जनवरी 1971 से पहले जिनका जन्म हुआ है वे इस समूह में शामिल माने जाएंगे। सरकार वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर तय करेगी कि अन्य लोगों को वैक्सीन कब से लगेगी।
1. मुझे गंभीर बीमारी है, सरकार यह कैसे तय करेगी?
50 वर्ष से कम उम्र के ऐसे लोग जिन्हें गंभीर बीमारी होगी उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी। ऐसे मरीजों के लिए अपनी बीमारी का प्रमाण देना होगा उसी आधार पर उनका को-विन पर पंजीकरण होगा।
2. हमें किस कंपनी की वैक्सीन लगाई जाएगी?
सूत्रों की मानें तो पहले दौर में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड वैक्सीन राज्य सरकारों को भेजी जाएगी क्योंकि अभी तक भारत बॉयोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन हिमाचल के कसौली स्थित सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेट्री से जांच होकर नहीं आई है। कोवैक्सीन की 25 लाख डोज जांच के लिए भेजी गई है। इसमें कम से कम 14 दिनों का समय लगता है। यदि बिना समय गंवाये भी वैक्सीन जांच कर उपयोग की इजाजत दी जाती है तो इसमें 11 से 12 जनवरी तक का समय लग सकता है। इसके बाद केन्द्र तक पहुंचने में एक से दो दिन की और देरी भी होने का अंदेशा है।
3. क्या बाजार से वैक्सीन खरीदकर लगवाई जा सकेगी?
अभी सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है। भविष्य में सरकार इस पर फैसला ले सकती है। फिलहाल सीरम की कोविशील्ड वैक्सीन की करीब तीन करोड़ डोज सभी प्रक्रियाओं को पूरी करने के बाद राज्यों को भेजे जाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। वैक्सीन की शीशी पर नॉट फॉर सेल और इम्यूनाइजेशन कार्यक्रम वाले रैपर लगे हैं ताकि फिलहाल वैक्सीन को खुले बाजार में नहीं उतारा जा सके और इसकी कालाबाजारी भी रोकी जा सके। दो करोड़ से ज्यादा डोज सीरम की फैक्ट्री में बन कर तैयार है। इस बैच को भी जल्द जांच के लिए सीडीएल भेजा जाएगा। मंजूरी के बाद यह खेप राज्यों को भेजी जाएंगी।
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